धरती के अभागों की कथा : ‘साल्ट ऑफ़ द अर्थ’
फ़ोटोग्राफ़र सेबेस्टियाओ सालगादो के जीवन पर बनी डॉक्युमेंटरी ‘साल्ट ऑफ़ द अर्थ’ को देखना बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में मानव-समाज पर बीती हुई त्रासदियों और बीसवीं सदी के रक्तरंजित इतिहास से होकर गुजरना है। ऐसी त्रासदियाँ जो सत्ता पर क़ाबिज़ लोगों ने अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए निर्मित कीं। त्रासदियाँ जो पूँजीवाद की विसंगतियों से उपजी थीं। त्रासदियाँ जिन्होंने मानव-समुदाय को उसके मनुष्यत्व से भी वंचित कर दिया। मनुष्य के अस्तित्व भर पर प्रश्नचिह्न लगा दिया।
तीन-चार दशकों तक दुनिया भर में घटित हुई इन त्रासदियों को अपने कैमरे में दर्ज करते हुए सेबेस्टियाओ सालगादो प्रकृति की ओर मुड़े। और वहाँ भी उन्होंने प्रकृति की देह पर स्वार्थ में अंधे हो चुके मनुष्य के क्रूर पंजों के अमिट निशान देखे।
ब्राज़ील की सोने की खदानों में काम करने वाले मज़दूरों की रोंगटे खड़ी कर देने वाली तस्वीरों ने सेबेस्टियाओ सालगादो को दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई। सोने की तलाश में पाताल तक चली जाती खदान में बनी सीढ़ियों पर दिन भर में सैकड़ों बार उतरते-चढ़ते हज़ारों मज़दूरों और सोना हासिल कर रातों-रात अमीर हो जाने का ख़्वाब पालने वाले लोगों की तस्वीरें। अपनी पत्नी लिल्या के सान्निध्य-सहयोग से सेबेस्टियाओ सालगादो ने फ़ोटोग्राफ़ी की कई परियोजनाओं को पूरा किया और इस क्रम में सौ से अधिक देशों का भ्रमण किया। वे अमेरिका की चमक-दमक भरी तस्वीरों से इतर हमें एक दूसरे अमेरिका से रूबरू कराते हैं।
सेबेस्टियाओ सालगादो अफ़्रीका में भयावह अकाल और सूखे से जूझ रहे लोगों की त्रासदी से हमें वाक़िफ़ कराते हैं। वे उन लाखों लोगों की व्यथा-कथा को अपनी तस्वीरों में दर्ज करते हैं, जो घृणा, विद्वेष और हिंसा की राजनीति की भेंट चढ़ गए। वे दुनिया भर के श्रमिकों के जीवट को, उनके संघर्षों को उतारते हैं अपनी तस्वीरों में। प्रकृति और मनुष्य के बीच जटिल संबंधों की अंतर्कथा को अपने तस्वीरों से बयान करते हैं।
वे विपदा के मारे उन लोगों के साथ हो लेते हैं, जो अपने घरों से विस्थापित कर दिए जाते हैं। विस्थापितों के साथ-साथ वे भूमिहीनों और शरणार्थियों की जद्दोजहद को भी अपने कैमरे के ज़रिए हमारे सामने लाते हैं। बतौर अर्थशास्त्री अपना करियर शुरू करने वाले सेबेस्टियाओ सालगादो ने इन घटनाओं के पीछे काम करने वाली पोलिटिकल इकॉनमी को बख़ूबी समझा। तस्वीरों की परियोजना के लिए उनके द्वारा चुने गए विषय ही नहीं विम वेंडर्स और
जूलियानो सालगादो द्वारा निर्देशित डॉक्युमेंटरी में सेबेस्टियाओ द्वारा दिए गए वक्तव्य भी इसकी पुष्टि करते हैं। ज़रूर देखें यह डॉक्युमेंटरी।

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