
बिहार में मिला देश का सबसे बड़ा सोना भंडार
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Posted on Dec 03, 2021
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By Hem singh
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Published in News
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अक्सर गरीब राज्य कहे जाने वाला बिहार अब जल्द ही अमीर होने जा रहा है. दरअसल, बिहार के जमुई जिले के सोनो प्रखंड के करमतिया इलाके में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि केंद्रीय खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी ने खुद इसकी पुष्टि की है। प्रह्लाद जोशी ने खुलासा किया है कि देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार जमुई में है. जमुई जिले के सोनो इलाके में सिर्फ 44 फीसदी सोना है. अब ऐसे में इस बात पर मुहर लगने के बाद इस क्षेत्र के लोगों का खुश होना लाजिमी है. इस सुखद खबर के बाद क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों में उम्मीद है कि अब यहां के लोग ही नहीं बल्कि पूरा बिहार समृद्ध होगा. अब यहां जल्द ही सोने का खनन शुरू होगा।
कर्मतिया क्षेत्र में देश का 44 प्रतिशत सोना पाकर इस क्षेत्र के लोग खुश हैं। चुरहेट गांव के सुधाकर कुमार सिंह और पुनीत कुमार सिंह ने कहा कि वे छोटी उम्र से देख रहे हैं कि मिट्टी में 8 किमी के दायरे में चमकीले खनिज पाए जाते हैं, जो कि सोना है। वहीं माहेश्वरी गांव के दीपक सिंह ने बताया कि 15 साल पहले कोलकाता की टीम यहां पहले सर्वे के लिए आई थी, तब कहा गया था कि सोने के साथ-साथ और भी खनिज मिले हैं. अब जब सरकार ने कहा है कि यहां सोने का भंडार है तो खनन से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा, साथ ही बिहार और जमुई समृद्ध होगा.
15 साल पहले हुई थी खुदाई
दरअसल, जमुई जिले के सोनो प्रखंड की चुरहेट पंचायत का करमाटिया इलाका सोने के भंडार को लेकर कई दशकों से चर्चा में है. यहां के लोग बताते हैं कि बहुत पहले से यहां की मिट्टी में सोने के छोटे-छोटे टुकड़े मिलते थे। बहुत पहले लोग करमाटिया क्षेत्र की मिट्टी को नदी के पानी में धोते थे और छानकर सोना निकालते थे, जिसके कारण लगभग 15 साल पहले सरकारी एजेंसी के लोग यहां आए और महीनों बाद सर्वेक्षण का काम किया गया। बताया जा रहा है कि इसी सर्वे में यह बात सामने आई है कि जमुई जिले के सोनो प्रखंड के इस करमाटिया इलाके में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार बताया जा रहा है, यहां 44 फीसदी सोना मिल रहा है.
जमुई में कई अन्य खनिजों का भंडार भी है।
आपको बता दें, जमुई जिले के सोनो के अलावा अन्य प्रखंडों में भी कई तरह के खनिज अयस्क पाए जाते हैं, जिनमें अभ्रक के अलावा गोमेद समेत कई कीमती पत्थर शामिल हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि 15 साल पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के लोगों के सर्वे के बाद महंगा होने के कारण खुदाई दोबारा शुरू नहीं हो सकी. लेकिन, आधुनिक तकनीक की मदद से अब खुदाई पहले के मुकाबले सस्ती होने लगी है, ऐसे में अब संभावनाएं भी दिख रही हैं कि यहां जल्द ही सोने का खनन शुरू हो सकता है.
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