
2022 में कब है बसंत पंचमी
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Posted on Jan 19, 2022
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By Hem singh
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Published in News
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दोस्तों आज हम आपको बताने वाले हैं कि 2022 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी.
बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। बसंत भी इसी दिन से शुरू होता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। इस पर्व पर भक्त पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं। इस साल बसंत पंचमी 5 फरवरी, शनिवार को मनाई जाएगी। इसका महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त बताते हैं।
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है। आज मां सरस्वती की पूजा का दिन है। नई कला सीखने या शुरू करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन कई लोग घर में प्रवेश भी करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ धरती पर आते हैं। इसलिए इस दिन कामदेव और देवी रति की पूजा करने वाले जोड़ों को अपने वैवाहिक जीवन में कभी भी कोई परेशानी नहीं होती है।
क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा? (बसंत पंचमी पूजन विधि)
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्ञान की देवी देवी सरस्वती, शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन ब्रह्मा के मुख से प्रकट हुईं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन विधिपूर्वक देवी सरस्वती की पूजा करने से वह प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
बसंत पंचमी पर कैसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न? (बसंत पंचमिला सरस्वती पूजा)
बसंत पंची पर पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें। फिर पूजा पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके शुरू करें। मां सरस्वती पर पीला कपड़ा रखकर प्रसाद के रूप में रोली, कुमकुम, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, चीनी की मिठाई, दही, खीर आदि रखें। अपने दाहिने हाथ से देवी को सफेद चंदन और पीले फूल चढ़ाएं। केसर मिश्रित खीर देना सबसे अच्छा है। मां सरस्वती के मूल मंत्र का जाप हल्दी की माला ओम सरस्वती नमः से करें। यदि शिक्षा में कोई बाधा आ रही हो तो इस दिन विशेष पूजा करके उसे दूर किया जा सकता है।
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 फरवरी शनिवार को प्रातः 03:47 से प्रारंभ होकर अगले दिन रविवार 6 फरवरी को प्रातः 03:46 बजे तक चलेगी। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले की जाती है।
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