
पृथ्वी की तरफ आसमान से आ रही आफत!
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Posted on Dec 03, 2021
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By Daily news
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Published in News
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पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस समेत कई प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रही है। इस बीच अब अंतरिक्ष से भी धरती की ओर एक बड़ी तबाही आने वाली है। हाल ही में नासा के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि एक क्षुद्रग्रह तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, जो अगर हमारे ग्रह से टकराता है तो कई परमाणु बमों के विस्फोट की तरह विनाश का कारण बन सकता है। हालांकि यह अभी भी पृथ्वी से बहुत दूर है।
आसमान से धरती की तरफ हो रही तबाही
गौरतलब है कि हाल ही में नासा ने अपना नया मिशन डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (DART) लॉन्च किया है, जो अंतरिक्ष में पृथ्वी को खतरा पहुंचाने वाले क्षुद्रग्रहों के रास्ते को डायवर्ट करने में सक्षम होगा। हालांकि यह मिशन अभी टेस्टिंग की प्रक्रिया में है, लेकिन उससे पहले आसमान से धरती की तरफ बड़ी आपदाएं आ रही हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षुद्रग्रह की गति 4 मील प्रति सेकेंड है।
परमाणु बम से भी ज्यादा शक्तिशाली
वैज्ञानिकों ने विशालकाय क्षुद्रग्रह यानी उल्कापिंड का नाम 4660 Nereus (2018 AH) रखा है, जो एक परमाणु बम से भी ज्यादा शक्तिशाली है। इसके आकार की बात करें तो यह पेरिस के एफिल टावर जितना बड़ा है। अगर यह धरती से टकराता है तो संभव है कि पूरा देश नक्शे से गायब हो जाए। नासा के मुताबिक यह क्षुद्रग्रह 11 दिसंबर को पृथ्वी के सबसे करीब होगा।
पृथ्वी पर विनाश हो सकता है!
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह 'दुश्मन' पृथ्वी की कक्षा से टकरा सकता है, जिससे हमारी धरती पर भी तबाही मच सकती है। राहत की बात यह है कि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना न के बराबर है, यह हमारे बीच से होकर गुजरेगा। हालाँकि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण अभी भी एक खतरा बना हुआ है, लेकिन यदि गुरुत्वाकर्षण क्षुद्रग्रह को अपनी ओर खींचता है तो विनाश निश्चित है।
पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का 10 गुना
नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा क्योंकि क्षुद्रग्रह की वर्तमान दिशा पृथ्वी से करीब 45 लाख किलोमीटर (करीब 2,796,170 मील) दूर है। यानी क्षुद्रग्रह और पृथ्वी के बीच लाखों मील की दूरी होगी। आपको बता दें कि यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से बारह गुना ज्यादा है। 1982 में पहली बार 4660 Nereus की खोज की गई थी, तब से वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं।
क्षुद्रग्रह की गति बहुत धीमी है
तब से अब तक यह पृथ्वी के काफी करीब पहुंच गया है। 2018 में यह पृथ्वी से सिर्फ 296,758 किमी (या 184,396 मील) दूर था, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से कम है। हालांकि, सबसे बुरी बात यह है कि क्षुद्रग्रह की धीमी गति ने वैज्ञानिकों के लिए इसे आते हुए देखना लगभग असंभव बना दिया है। इतने बड़े क्षुद्रग्रह के गुजरने के बाद पहली बार अब तक कोई भी पृथ्वी के इतना करीब नहीं आया है।
यह क्षुद्रग्रह तीन बार पृथ्वी के करीब से गुजरेगा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, भविष्य में 2028 तक किसी भी क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के इतने करीब से गुजरने की उम्मीद नहीं है। नासा के मुताबिक 2 मार्च 2031 को 4660 Nereus एक बार फिर पृथ्वी के करीब से गुजरेगा और उसके बाद 2050 नवंबर को फिर से पृथ्वी के करीब आ जाएगा। अनुमान है कि साल 2060 के बाद यह फिर से पृथ्वी के करीब आ सकता है। हालांकि, फिलहाल इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है। अगर किसी कारण से यह हमें मारता है, तो लाखों लोग मारे जा सकते हैं।
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